वो माँ है
भटकती राहों में
थाम कर जो हाथ,
सीधी राह दिखाए
वो माँ है।
जो गल्तियों को
माफ कर के,
सुधरने का मौका दे
वो माँ है।
यूँ तो प्यार का
दावा करता है
हर कोई मगर,
जो सच्चा प्यार करे
वो माँ है।
देता है दिलासा
परेशानियों में
हर कोई मगर,
जो साथ निभाए
वो माँ है।
गिरा देता है
जब ज़माना,
उठ कर जो
जीना सिखाए
वो माँ है।