कभी सोचा ना था
कभी सोचा ना था बदल जाएगा इतना कुछ,
बीते छह महीनों में हमने बहुत कुछ सीखा,
रुक कर चलना सीखा,
थम कर बदलना सीखा,
वर्क फ्रॉम होम करना सीखा,
खाना, और सोना सीख,
जिंदगी बताने का नया तरीका सिखा,
लोगो से दूरियां बढ़ाना सीख,
गले लगाने के जमाने में,
फिर से नमस्कार करना सीखा।