कभी सोचा ना था - ZorbaBooks

कभी सोचा ना था

कभी  सोचा ना था बदल जाएगा इतना कुछ,

​​​​ बीते छह महीनों में हमने बहुत कुछ सीखा,

रुक कर चलना सीखा,

थम  कर बदलना सीखा,

वर्क फ्रॉम होम करना सीखा,

खाना,  और सोना सीख,

​​​​​ जिंदगी बताने का नया तरीका सिखा,

लोगो से  दूरियां बढ़ाना सीख,

​​​​गले लगाने के जमाने में,

​​​​​​फिर से  नमस्कार करना सीखा।

 

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