Description
शालिनी पारस Shalini Paras द्वारा लिखी यह पुस्तक 21 (इक्कीस) कहानियों का संकलन है। यह संकलन वर्तमान भारतीय समाज में नारी के वास्तविक अस्तित्व का चित्र खींचता है। इन कहानियों के पात्र हमें अपने आस-पास के ही प्रतीत होते है। जहाॅ कहानी ‘प्रेरणा‘, ‘उम्मीद‘, ‘दास‘, ‘परिवर्तन‘ हमें जीने की राह सिखाते है, वही दूसरी ओर ‘दूसरी डोली‘, ‘दूसरा प्यार‘ जैसी कहानियाों के पात्र हमे समाज में किए जाने वाले आवश्यक परिवर्तनों की ओर संकेत देते है। अन्य कहानियों जैसे ‘राह के मुसाफिर‘ ‘बुद्धा‘, ‘चुनाव ड्यूटी‘, ‘हैण्डसम ब्वाय‘ जैसी कहानियों को पढ़कर निश्चित ही पाठकों के मन में एक सुखद अहसास की अनुभूति होगी। कहानी ‘पछतावा‘, ‘हत्या‘ जैसी कहानियों को पात्रों से मिलकर पाठकगण समाज में आये एकाकीपन और निराशा से होनो वाले दुष्प्रभावों को महसूस करेगें। यह सभी कहानियाॅ अत्यन्त अर्थपूर्ण है।
शालिनी पारस Shalini Paras द्वारा लिखी कहानियों की यह द्वितीय पुस्तक है। उनकी प्रथम पुस्तक ‘‘अहसास रिश्तों के‘‘ को इतना प्यार और आशीर्वाद देने के लिए, सभी पाठकों और वरिष्ठजनों को आभार और ईश्वर को कोटि-कोटि प्रणाम करते हुए उनके श्री चरणों मे पुनः अपनी दूसरी पुस्तक समर्पित करती हॅू।
लेखक के बारे में
शालिनी पारस Shalini Paras का जन्म 12 दिसम्बर को, उत्तर प्रदेश के कानपुर जिलें में हुआ था। पिताजी डाक विभाग में कार्यरत रहे है और माताजी बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश में प्रधान शिक्षक के पद से सेवामुक्त है। चार भाई बहनों में सबसे बडी शालिनी की शिक्षा उन्नाव जिलें में हुई। हाई-स्कुल एवं इण्टरमीडीएट साइंन्स से करने के बाद, बायोलाॅजी ग्रुप से बी0एस0सी की पढाई डी0एस0एन0 कालेज, उन्नाव से पूरी की, तथा बाद में समाजशास्त्र विषय से पोस्ट गे्रजुएशन ‘‘कानपुर विश्वविद्यालय से पूर्ण की।
बेसिक टीचर ट्रेनिंग करने के पश्चात वर्तमान में ‘‘बेसिक शिक्षा परिषद‘‘, उत्तर प्रदेश विभाग में उच्च प्राथमिक विद्यालय, विकास क्षेत्र- हसनगंज, जिलााः उन्नाव में विज्ञान शिक्षक के पद पर कार्यरत रहते हुए, ‘‘देश के भविष्य को शिक्षित करने का पुनीत कार्य कर रही है।‘‘
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