यही है - ZorbaBooks

यही है

वफा का यह जमाना नहीं है 
शौक है तो मंजिल को पाना यही है

उससे मुलाकात दोबारा हो
ऐसा कोई बहाना नहीं है

चला था उन रास्तों पर जिन रास्तों पर अब जाना नहीं है
अब तो मेरा आशियाना यही है यही है यही है

 

Comments are closed.

Parisa Gupta