चैन से आज तो मुझे सो लेने दे,
चैन से आज तो मुझे सो लेने दे ,
मिठी मिठी एहसासों मे खो लेने दे ,
तुम तो मधुर सी लोंङिया सुनाना ,
मुझे ख्वाबों के पंख पर सवार हो लेने दे ,
मैंने यु ही गुजारे है पल बेचैनियों में ,
आज जीवन का आभाश हो लेने दे ।।
मैंने बैचैनियों में खोया है खुद को ,
और खूद से ही बेजार रोया हूं ,
तुने देखा है इस तरह मुद्धतो से मुझे ,
थका तो हूं , कब से नहीं सोया हूं ,
लेकिन आज तो उनिंदी आँखे और है सपने ,
कि हकीकतो से मुझे दो चार हो लेने दे ।।
समझना हैं तुम्हे , अंजान ना बन ,
मेरी हसरतो से’ इस कदर हैरान ना बन ,
इन चाहतो के लिए बदनाम ना बन ,
कि कहता हूं , तुम इसलिए गुमनाम ना बन,
मेरी कितनी ही रातें यूं ही कट गई है ,
आज मान जा , फिर से गुलजार हो लेने दे ।।