शत शत नमन(story of Kargil) - ZorbaBooks

शत शत नमन(story of Kargil)

शत शत नमन उन वीरों को, देश प्रेम से तपे उन हीरों को

टूट गया था जिसम का कतरा-कतरा उस होड़ में,

सिखा गए तुम एकता, न जाने कैसे उस शोर में,

जो सोचा था सपना एक दिल में, तिरंगा लहराया फिर उस शिखर पे,

बांध कफन, सर पर वो, सर जमीं बचा लाए थे,

माँ भारती के गौरव को दुश्मन से बचा लाए थे।

वो घिरते थे, वो उठते थे, देश का शीश उठाने को,

शिखर पर खड़ा था दुश्मन, हर गोली ललकार रही थी जवानी को, जान की बाजी लगा, फतह किया शिखर,

शत शत नमन उस जवानी को। शत शत नमन उस जवानी को।

माँ का आँचल सूना छोड़कर, तुम देश का आँचल ओढ़ गए, दिलों में सबके तुम, बेमिसाल फतह छोड़ गए ।।

यह 99 की कहानी नहीं, वीरों की वीरता की गाथा है,

शीत, वर्षा और तप जैसे मौसम, खुद झेलकर, हमारे जीवन में वसंत छोड़ जाता है

शत शत नमन उन वीरों को, देश प्रेम से तपे उन दीरों , शत शत नमन उन वीरों को. शत शत नमन उन वीरों को।।

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Narotam singh