Siblings Love - ZorbaBooks

Siblings Love

बहन के पास गुड़िया मेरे पास गाड़ी थी

रोये थे दिनभर तब पापा ने दिलाई थी

शर्त रखी थी मम्मी ने भी हर दिन दो घंटे पढ़ने की

पर उम्र थी हमारी बहना लड़ने और झगड़ने की

एक एक रूपये को जोड़ जोड़ बहन ने चिल्लर जोड़ी थी.

छिपकर मैंने गलियारे में उसकी गुल्लक फोड़ी थी

शर्ट है गंदी चश्मा अच्छा बहन से मैंने सीखा था

डांट से पापा की बचने का उसके पास तरीका था

फूल सी कोमल थी मोम के जलती थी

मेरी गलती को मम्मी से कहती अपनी गलती थी

जब मायूस हुआ मेरा चेहरा तब उसकी आंखे रोई थी

बचपन बीता जिस आंगन में उस घर से बहन खोई थी

सुनों देश के युवा साथियों बहनों का सम्मान करो

आँख दिखाने के पहले अपनी बहन का ख्याल करो

मेरी हो या तेरी हो आखिर हम सबकी बहन है वो

माँ बाप की इज्जत का मानो साफ़ शुद्ध दर्पण है वो

है बचाना मेरी बहनों को तुम पर कोई आंच न होगी

तेरे धर्म की रक्षा हो चाहे मेरी सांस न होगी

कीचड़ में खिलता कमल भी करता इन्तजार है

न रहे हाथ किसी का सूना आया राखी त्योहार हैं.

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Supriya Jain
Delhi