सफलता की ओर - ZorbaBooks

सफलता की ओर

ये कहानी उत्तर प्रदेश में एक छोटे से कस्बे में रहने वाली एक लड़की की है जिसका नाम मधु है। मधु के परिवार में उसके माता -पिता, एक भाई और दो छोटी बहनें हैं। मधु सफलता, संघर्ष, मेहनत, मंज़िल, सपने देखना और उन्हें पूरे करने में बहुत विश्वास रखती थी। मधु को बचपन से ही फिल्में देखने का बहुत शौक था, उसने बहुत सारी फिल्में देखीं थीं।वह फिल्में देखती और उनके मुख्य किरदारों की नकल करती, उसे इसमें बड़ा आनंद आता था। मधु अभी तेरह साल की ही थी और उसका फिल्मों का शौक इतना बढ गया कि उसने फिल्मी दुनिया को ही अपना सपना बना लिया।अब वह फिल्मों में काम करना चाहती थी। मधु पढ़ने में होशियार थी और उसके माता -पिता उसे डॉक्टर बनाना चाहते थे लेकिन मधु की दुनिया तो कुछ और ही थी। और क्योंकि वह सफलता को बहुत स्नेह करती थी तो वह चाहती थी कि फिल्मों में काम करने में भी उसे सफलता मिले। लेकिन मधु ने अपने इस सपने के बारे में अपने परिवार को कुछ नहीं बताया था। क्योंकि वह सोचती थी कि वह एक मिडिल क्लास फैमिली की लड़की है, छोटे से कस्बे में रहती है तो माता -पिता तो कभी उसके सपने के लिए नहीं मानेंगे।एक शाम जब सभी लोग एक साथ रात का भोजन कर रहे थे तब मधु ने यूं ही मजाक में पूछ लिया कि क्या वह फिल्मों में काम कर ले? उसकी यह बात सुनकर उसके माता -पिता को थोडा आश्चर्य हुआ लेकिन उन्होंने मधु को समझाते हुए कहा कि “फिल्मी दुनिया अपनी लाइन नहीं है”, यहां कब क्या हो जाए! कुछ पता नहीं। ये सुनकर मधु वहां से अपने कमरे में चली गई और सोचने लगी कि उसके माता -पिता तो कभी उसके सपने के लिए नहीं मानेंगे। ऐसे ही समय बीतता गया। मधु अब नवीं कक्षा में थी।वह पढ़ने में तो तेज थी लेकिन उसे सामाजिक ज्ञान नहीं था। कक्षा में उसके बहुत से मित्र थे लेकिन बहुत बालक मधु के होशियार होने के कारण उसे पसंद नहीं करते थे जिसे वह नहीं जानती थी, और ना बताने वाली बातें भी उन्हें बता देती थी।एक बार मधु ने अपनी सहेली से पूछा कि उसे फिल्मों में काम करने के लिए क्या करना चाहिए?तो उसकी सहेली ने बताया कि अगर वह फिल्मों में काम करना चाहती है तो उसे मुंबई जाना चाहिए। अपनी सहेली की बात सुनकर मधु ने तय किया कि अब वह मुंबई जायेगी लेकिन उसे कुछ नहीं पता था कि कैसे जाए, और मुंबई में कहां जाए।इसी तरह कुछ दिन और बीत गए और मधु यही सोच रही थी कि वह मुंबई कैसे जाए? जबकि उसने अपने माता पिता को कुछ बताया नहीं है इस बारे में। इसीलिए उसने अपना भविष्य खुद बनाने का तय किया। उसने सोचा कि उसकी सहेली ने उसे फिल्मों में काम करने का तरीका बताया है तो वह उसकी वहां पहुंचने में भी मदद करेगी। इसीलिए मधु रात में अपने स्कूल बैग में अपना सामान रखकर अपनी सहेली के घर परिवार को बिना बताए चली गई। सुबह जब उसके माता-पिता को पता चला कि मधु घर में नहीं है तो उन्होंने उसे हर तरफ ढूंढा लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। वहीं दूसरी ओर मधु जोकि अपनी सहेली के घर पहुंच चुकी थी, वहां जी भर कर मस्ती कर रही थी। और इस मस्ती के दौरान वह यह भी भूल गई कि वह यहां क्यों आई है? मधु की सहेली के परिवार वालों ने उसे वहां देखकर उससे पूछा कि वह यहां क्यों आई है?वो भी अकेली। तो उसने बताया कि वह यहां केवल घूमने आयी है। ऐसे ही उसका पूरा दिन दोस्तों के साथ बीता। वहीं दूसरी ओर शाम को थक हारकर मधु के माता-पिता पुलिस में मधु के गायब होने की रिपोर्ट दर्ज कराने ही जा रहे थे कि तभी उनके पास एक अनजान नम्बर से फोन आया।यह फोन मधु की सहेली ने किया था। उन्हें यह बताने के लिए कि मधु उसके घर आई है। मधु के माता-पिता को जब मधु की खबर मिली तो वे तुरंत उसकी सहेली के घर पहुंच गए और मधु को वहां से घर वापस ले आए।घर आकर उन्होंने मधु से पूछा कि उसने ऐसी नादानी क्यों की?तो मधु ने बताया कि वह मुंबई जाना चाहती है क्योंकि वह फिल्मों में काम करेगी। तो उसके मम्मी पापा ने कहा कि फिर वह मुंबई जाने की जगह सहेली के घर क्यों गई ? तो मधु ने कहा कि उसे लगा कि अगर उसकी सहेली ने उसे रास्ता बताया है तो वह आगे भी उसकी मदद करेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।तब मधु के माता-पिता ने उसे समझाया कि जरूरी नहीं जो रास्ता बताए वह सफर में तुम्हारे साथ ही रहे। तुम्हें ऐसी बेवकूफी नहीं करनी चाहिए थी। तुम्हारी इस हरकत से तुम्हें स्कूल से भी निकाला जा सकता है।तब मधु को उसकी गलती का अहसास हुआ और उसने अपनी ग़लती के लिए अपने मम्मी पापा से माफी मांगी और उन्होंने उसे माफ कर दिया।

उद्देश्य _____हर काम करने का एक सही समय होता है, कुछ काम उम्र पर भी निर्भर करते हैं। बिना सोचे विचारे किया गया कोई भी काम बर्बादी का कारण बन सकता है। सपने देखना ग़लत नहीं होता बस उन्हें पूरा करने के लिए आत्मविश्वास, और धैर्य होना चाहिए।

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Tanu Ambedkar
Uttar Pradesh