आज की तू बात कर - ZorbaBooks

आज की तू बात कर

राजा भी रंक हो गए

कईयों के संग खो गए

तेरे गुण वो सब अतीत है

पुनः जागृति पे हाथ धर

आज की तू बात कर!

अच्छे-बुरे जो साथ थे

वो धूप थे, बरसात थे

है सर्द आहें गोद में

उन्हीं को अपने साथ कर

आज की तू बात कर!

हर खुशी को पा लेंगे

इस दुनिया को झुका देंगे

ये करेंगे, वो करेंगे

क्या पता कब पात झर?

आज की तू बात कर!

-सूरज कुमार “प्रौढ़ कलम”

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Suraj Kumar "Praudh Kalam"
Delhi