शिक्षित नारी
नारी हो गर्व करो तुम खुदपर
विश्वास करो तुम अपनी क्षमता पर
अद्भुत शक्ति से परिपूर्ण तुम हो नारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी (1)
जबसे तुमने शिक्षा को अपना आभूषण बनाया है
उसने तुम्हारी खुबसूरती में चार चांद लगाया है
दीप्ति से परिपूर्ण तुम हो नारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी(2)
पहले तुमको लोगों ने खुलकर हंसने से रोका था
खुद की मर्जी से चलने पर सबने तुमको रोका था
पर अब अपनी इच्छा से जीने की हो तुम अधिकारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी(3)
अपनी खुशियों को मनाओ तुम खूब हंसी ठहाके लगाकर
जैसे अपने गमों को सहती हो तुम आंसू बहा बहाकर
भावनाओं से परिपूर्ण तुम हो नारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी(4)
पहले लोगों की मुफ्त चाकरी कर तुमने कुछ नहीं पाया था
जिल्लत भरी जिंदगी जीकर तुमने अपना सम्मान भीगंवाया था
पर अब आत्मगौरव से परिपूर्ण तुम हो नारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी(5)
पहले लोगों ने तुमको बहुत दबाया था
तुम्हारे विचारों का मजाक उड़ाया था
पर अब तुम्हारी राय जानने को उत्सुक है दुनिया सारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी(6)
पहले डरती थी तुम संकट से घबराकर
लोग तरश खाते थे तुम को अबला बनाकर
पर अब निडर और सशक्त तुम हो नारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी (7)
पहले तुम्हारी दुनिया थी केवल घर की चहारदीवारी में
घर के कामों में ही उलझ कर बितायी थी उम्र तुमनें
पर अब बाहरी दुनिया में भी रहती हो तुम नारी
सजी धजी रंगों से भरी हो तुम प्यारी (8)
पहले रोटियां ही पकाती थी नारी
अब रोटी कमाने भी रखती हो
इज्जत से रोटी खाती हो अब तुम नारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी (9)
पहले पुरुषों के सम्मुख तुम झुककर रहती थी
उनके पीछे पीछे ही तुम हमेशा रहती थी
पर अब कंधेंसे कंधा मिलाकर चलती हो नारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी (10)
नारी का ये सशक्त रूप तुमने शिक्षा से पाया है
सुसंस्कृत सभ्य समाज का नागरिक बनने का हक कमाया है
अद्भुत नारीत्व.से परिपूर्ण तुम हो नारी
सजी धजी रंगों से भरी तुम हो प्यारी (11)