Description
यह पुस्तक ‘जासूस ग्रंथावली‘ लेखक (निशांत भट्ट) के द्वारा स्वलिखित एक उपन्यासों का समूह है। ये सभी उपन्यास लेखक ने अपनी कल्पना के आधार पर लिखे हैं तथा किसी जीवत अथवा मृत व्यक्ति, वस्तु तथा घटना से इनमें लिखी सामग्री का कोई सम्बंध नही है। ये उपन्यास दो भाई-बहन (इन्द्रजीत सक्सेना तथा रेनू सक्सेना) के बारे में है जो जासूसी विभाग में कार्ययत हैं तथा स्वयं जासूस हैं। (कल्पित) इनके अपराधियां, आतंकवादियो तथा देशविरोधी असमाजिक तत्वों की खोजबीन तथा उन्हें समाप्त करना है। यह भाई-बहन बहादूर, बुद्धिशाली, कर्तव्यपरायण, देशभक्त तथा विभिन्न कलाओं में माहिर है। यह पुस्तक इन भाई-बहन के कारनामों के बारे में है तथा बहुत आसान तथा सरस तरीके से लिखी गई है तथा देशभक्ति के बारे में बताती है। श्री निशांत भट्ट द्वारा लिखी गई, यह तीसरी किताब देशभक्ति का पाठ पढ़ाती है तथा आशा करते हैं कि पाठक इस पुस्तक को पढ़कर आनन्दित होगे।
About the Author
मैं, निशान्त भट्ट इस पुस्तक ‘जासूस ग्रंथावली‘ (स्वतिखित) को पाठकों के हाथ में देते हुऐ अत्यन्त हर्श का अनुभव कर रहा हूँ। मैनें यह पुस्तक अपने माता-पिता (डा. गोवर्द्ध्रन प्रसाद भट्ट (स्वगीर्य) तथा श्रीमती कमला भट्ट (स्वर्गीय) ) तथा अपनी दीदीयो, सुनीता ध्यानीजी, नमिता शर्मा जी तथा अनीता पाण्ड़ा जी को समर्पित की है। हम सब उत्तरांचल (पौडी गढवाल) से है तथा मध्यम वर्गीय है। पिताजी एक विख्यात दार्शनिक थे जो अनेक विश्वविद्यालयों में शिक्षक के पद पर कार्यरत रहने के बाद केन्द्रीय हिन्दी निदेशालय, रामकृष्ण पुरम, दिल्ली में भी सहायक तथा कर्तव्य परायण नारी थी। उन्ही से मुझे यह पुस्तक लिखने की प्रेरणा मिली। मेरी दीदीयाँ विवाहित है तथा अपने घरो में शान्त, सुखी जीवन व्यतीत कर रहा है। मैं श्री सुनील अत्रि जी (सम्पादक जोरबा बुक्स प्रा लि, दिल्ली) तथा उनके स्टाफ के आभारी हूँ कि उन्होने यह पुस्तक प्रकाशित का तथा इनकी छपाई में योगदान दिया। धन्यवाद।
श्रेंवे
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