इश्क तो हो ही गया - ZorbaBooks

इश्क तो हो ही गया

इश्क तो हो ही गया फिर छुपाना क्युँ है

परिंदों को हवाओं से अब बचाना क्युँ है!

ज़िंदगी छोटी ही बहुत हैं कहते हैं ये सब

फ़िजूल की बातों में वक्त गँवाना क्युँ है!

जब भी वक्त मिले आ जाया करो मिलने

दिल के अरमानों को दिल में दबाना क्युँ है!

क्या गलत है सही क्या है तुम तो रहने दो

दिल की बातों में ये दिमाग लगाना क्युँ है!

क़ाफ़िले गुज़रे हुए बहुत वक्त हुआ "अनूप"

अब इन राहों पे चराग़ों को जलाना क्यूँ है!

@AnoopS

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anoopsonsi123