Researcher in hindi
अगर सिखा देते अपनी बेटियों को
बिना ड़र ओर बिना सलीके के रहना
तो आज राह चलते बेटियां रौंंदी नहीं जाती
सिखाया जा है उन्हें गुड्डे़ गुड्डियोंं की शादी कर घर बसाना
ड़राया जाता है समाज के तुच्छ संस्कारों के नाम पर
मार दिया जाता है प्रेम के नाम पर
दबा दी जाती है उनकी भावनाएं
जला दिये जाते है उनके सपने
समेट दी जाती है उनकी जिंदगी
बना दी जाती है एक स्त्री
जो इंसान नहीं सिर्फ स्त्री है
जिसमे रुह नहीं सिर्फ़ जिस्म है
तब कहता है ये समाज
स्त्री कमजोर ओर अबला है