इजाजत - ZorbaBooks

इजाजत

तेरी महफ़िल में आने की इजाजत देदे
ज़ाम आखों का है पीना इजाजत देदे

मैक़दे भूल गए हैं शहर के रिन्द तमाम
अपनी बस्ती में ठहरने की इजाजत देदे

अपने चाहने वालों पर जुर्म ना कर
बस एक नजर तसब्बुर की इजाजत देदे

तुझको देखा है तो जाना कि खुदा है काफ़िर
तुझको एक बार बस छूने की इजाजत देदे।

तुझको आंसू की तरह हमेशा छुपा कर रखूंगा
तुझको आखों में बसाने की इजाजत दे।

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Niraj kumar