अर्थ और समय
जनाब ये शायरी की दुनिया है,
अर्थ पे गए तो अनर्थ हो जाएगा।
एक लफ्ज़ रखता है कई मायने,
हर मतलबी अपने अपने अर्थ तो बताएगा।।
आज मौसम सर्द हवाओं का है तो क्या,
दौर गरम हवाओं का भी तो आएगा।
आज बच्चा बनकर आई हैं नई उम्मीदें,
एक रोज़ ढलती हुई हसरतों का भी आएगा।।
सारा शहर ज़रूरी नहीं पत्थरों का हो ,
कहीं ना कहीं मोम का बुत भी तो मिल जाएगा !