जहां कि वजह भी तु हैं..। - ZorbaBooks

जहां कि वजह भी तु हैं..।

 मन्नत तु मेरी…..
जन्नत भी तु  हैं…..
मेरे इश्क की कयामत भी तु हैं…..।
दिल चले हैं जिस धड़कन पर….
उस धड़कन कि वो धून भी तु है…..।।२।।
क्या डरना अब किसी और से ..इस जहान से..
मेरे जहां कि आज वजह भी तु हैं ।।२।।

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Shravani Prakash Lingade