कुछ लब्ज…..
पता है …आज भी जाने अंजाने में…
फिर इक बार निगाहोंने उसीके दर पर रूकना चाहा …
और पागल आंखें …देख उसे पलखें भी नहीं झुंका पायी..
पर किसमत हमारी इतनी अच्छी कहा जनाब …
अगलें ही पल मालुम हुआं की…
उसका दिल खाली तो था.. धड़कता भी था…
पर ना वो जगह हमारी थी …
और ना ही वो धड़कन कि धून…।।
🖤.. Shravani.L