बेटा और बेटी - ZorbaBooks

बेटा और बेटी

बेटा चाहे जहां भी जाए, रोक टोक बेटी पर क्यों?

बेटा चाहे कुछ भी खाए, बेटी को सुखी रोटी क्यों?

बेटे को लोग खूब पढ़ते, फिर बेटी को क्यों नहीं सिखाते?

आज भी लोग नाजने क्यों बेटे और बेटी में फर्क कर जाते?

समाज का तना दे दे कर बेटियों को ही क्यों रुलाते?

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Parisa Gupta