ये समय आज कैसा है आया - ZorbaBooks

ये समय आज कैसा है आया

ये समय आज कैसा है आया,

हर तरफ है अंधेरे से छाए।

बांधकर इंसा आंखों पे पट्टी,

रंगमंचो सा अभिनय दिखाये।।

 

हंसी नकली होठो पे रखकर,

बेवजह ही वो मुस्कराए।

लुट गया मान इज्जत भी,

शान झूठी है वो खिलखिलाये।।

 

जिंदा माँ बाप छोड़े घरों में,

पत्थरो पे वो दौलत चढ़ाए।

तिनका तिनका को मोहताज बैठे,

आश्रमो में वो जाके लुटाये।।

 

जिनके चरणों मे मिलती है जन्नत,

चरणों में वो  गिड़गिड़ाए।

रात दिन करते चिंता जो माँ बाप,

हम उनकी चिता हैं बनाये।।

 

जिनकी उंगली पकड़ सीखा चलना,

हम उन्ही को है चलना सिखाये।

बोलना सीखा जिनसे उन्ही को

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dinesh agriya