Go Corona Go ( poem) - ZorbaBooks

Go Corona Go ( poem)

      

     {ishubaba ke dohe}

 

सुनो सुनो मित्रों ज़रा गौर तुम करो ना

घर पे ही रहो सब बाहर तुम निकलो ना,

छा गई  चारो तरफ मौत की हाहाकारी है

बच्चे बुढ़े और जवान सब हो रहे शिकारी हैं।।

बुरा वक्त आया है तो अच्छा वक्त भी आयेगा

समझदारी से काम लो तो कोरोना भी भाग जाएगा,

देश के राजा की तुम इस प्रकार सहायता करो न

फिलहाल  घर पे ही रहो सब बाहर तुम निकलो ना।।

                                      __Ishwar Das✍️✍️

              

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Ishwar Das