आरजू़ -ए- दिल ने संभाला बहुत है - ZorbaBooks

आरजू़ -ए- दिल ने संभाला बहुत है

आरजू़ -ए- दिल ने संभाला बहुत है

तेरी यादों ने रुलाया बहुत है

अब तुम नज़रें मिलाती क्यूँ नहीं

इस कशमकश ने बेचैनी बढ़ाया बहुत है ॥

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Ashu Choudhary "Ashutosh