इंसानी गुस्सा - ZorbaBooks

इंसानी गुस्सा

एक है दुश्मन सबके अंदर,

चाहे वह हो इंसान या हो बंदर।

इंसान अपने गुस्से से ही हारा है,

और अपने गुस्से का ही मारा है।।

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