इंसानी गुस्सा
एक है दुश्मन सबके अंदर,
चाहे वह हो इंसान या हो बंदर।
इंसान अपने गुस्से से ही हारा है,
और अपने गुस्से का ही मारा है।।
एक है दुश्मन सबके अंदर,
चाहे वह हो इंसान या हो बंदर।
इंसान अपने गुस्से से ही हारा है,
और अपने गुस्से का ही मारा है।।