"वो चला गया" - ZorbaBooks

“वो चला गया”

लौ जिन्दगी की जल्द बुझाकर चला गया
वो शख़्स मुझे होश में लाकर चला गया..।।

खुद दूर ही रहता था मोहब्बत के जाम से
खुद को बचाके, मुझको पिलाकर चला गया..।।

खुशियों का बेतकल्लुफ़ लेके वो हर मज़ा
कुछ रोज इन बाहों में बिताकर चला गया..।।

हाँथों से मेरे करके अपने दर्द की दवा,
नादान😊 मेरा दर्द बढ़ाकर चला गया..।।

वो जिन्दगी इस जिन्दगी का था तो बस  "अभिनव"
कुछ दिन कि साँसें दिल को थमाकर चला गया..।।

मत शोक करो "अभिनव", बेहतर है मौत ये,
जो आया था,आया है, वो आकर चला गया..।।

–©अभ्भू भइया

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