My patriotic voice (मेरी देशभक्ति-आवाज़)
चलो हम देशभक्ति का गीत गाकर,
तिरंगे को सर्वोच्च शिखर पर फहराकर,
सब अमिट संकल्प एक जुट हो खाते हैं।
राष्ट्रध्वज का मान बढ़ा, एकता का पंचम लहराएँ।
आओ मातृभूमि के प्रति सज हो पर्यावरण बचाएँ।
हर गली, मोहल्ले, घर-आंगन तिरंगा लहराएँ।
अग्निपथ चल व सद्कर्म से विश्व में नाम कमाएँ,
अंतरिक्ष से लेकर धरा-गगन पर विजय ध्वज फहराएँ।
देशभक्ति,शांति-संदेश, प्रेम परिमल चहुॅंदिशा फैलाएँ।
हम उस देश के वासी हैं जिस देश में गंगा बहती,
हुनर की है खासियत,जहाँ एकजुट रहते कई धर्म व जाति।
बलिदान, शांति,खुशी-प्रेम तिरंगा देता है संदेश
परोपकार ही परम धर्म मानवता का धर्म विशेष।
हरी धरती नीला गगन खुशबू से महकता चमन,
देश के किसान व सैनिक को कर शत्-शत् नमन।
देशभक्ति का स्वर सदा ही रखना बुलंद,
शांति-संदेश देना व लहू में रखना देशभक्ति का रंग,
गर्व से कहना सदा कि भारतीय हैं हम।
—— अर्चना सिंह जया, गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश