काश तुम मेरी होती - ZorbaBooks

काश तुम मेरी होती

काश मैं तुम्हारा होता

हंसता दिल तुम्हारा होता

ये रोशन जहां

टिमटिमाता तारा होता

जन्नत की चाहत अजीब होती

गर तेरे इश्क़ में फ़ना होता

हर आईने में दिखे चेहरा तेरा

तुम बिन चांद अधूरा होता

तुम जो मेरे साथ होती

फिर मंजिल हमारा होता

तेरी मुहब्बत बेपनाह झलकती

जो तू मेरी मैं तेरा दीवाना होता

काश तुम मेरी होती

काश मैं तुम्हारा होता ।

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Er. Vishal Maurya
Uttar Pradesh