कुछ सफर ये याद भी लम्बा था
कुछ सफर ये याद भी लम्बा था
कुछ हम भी थोड़ा सुस्त चले
कुछ हम भी मंजिल भूल गए
कुछ रास्ते हमें बहुत मिले
और आज दुखो का साया है
हर तरफ है छाई वीरानी
हर तरफ उसी का साया है
कुछ सफर ये याद भी लम्बा था
कुछ हम भी थोड़ा सुस्त चले….. Hy