तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता ।।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता ।।जिद्द तो है बड़े पर तुम्हें कहना नहीं आता। तेरे हुस्न के जरीये मैं बादल सा हो गया हूॅं तेरे बालों के जरीये मैं पागल सा होगा हूॅं लेकिन ये पागल पन से भी तुम्हें पाना नहीं आता ।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता ।।
तुम हो चांद के जैसा चंचल और मैं सूरज जैसा निराला पर क्या करूं मैं चांद बनना चाहता हूॅं पर बन नहीं पता।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता।।
क्या करूं यह बेसहारा इस मन को कि तुम्हारे लिए रोका भी नहीं जाता दिल की नज़ाकत से अपने आपको रोक भी नहीं पाता।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता।।
तुम्हें कुछ कहना है कह नहीं पाता तुम्हारे दिल के अंदर झाँक कर मुझे देखना तो नहीं आता।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता।।
तुम्हारी तारीफ करता हूॅं दोस्तों में पर तुम्हारे सामने कह नहीं पाता। मुझे भी लगता है तुम्हारे दिल में मेरे लिए कुछ हैं। लेकिन तुमसे पूछ नहीं पाता ।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता।।
उसके आँखे हैं समुद्र सी मैं मछली जैसा उसमें तैरना चाहता हूॅं। उसका शरीर है बहुत कोमल मैं उस शरीर का रुई बन कर रहना चाहता हूॅं। उसके तारीफ कितना भी करू कम है पर मैं उसकी तारीफ करने में थक नहीं पाता।
तुम्हें पाना तो मुस्किल हैं पर तुम्हें खोना नहीं आता।।
तुम्हें कुछ बिना कहे मैं रोज आता हूॅं हर एक सुबह तुम्हें दिल का बात बताना है पर बता नहीं पाता हूॅं। तुम्हारे लिए हर रोज़ कुछ लिख कर लाता हूँ पर दे न पाता हूॅं।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता।।
तुम्हें जो अच्छा लगे ओ करना चाहता हूॅं तुम्हें जो सच्चा लगे ओ बोलना चाहता हूॅं। क्या करूं मुझे हो नहीं पाता लेकिन मैं कोशिश कर रहा हूॅं तुम्हारे होने की।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता।।
अब बहुत हुआ अब मैं बोलूंगा अपने राज सारे उसके सामने खोलूंगा। मुझे अब ये बेकरारी सहन नहीं हो रही है। अब बोलूंगा तेरे बिना रह नहीं पाता। क्या करु अब यह सब सह नहीं पाता।
तुम्हें पाना तो मुश्किल है पर तुम्हें खोना नहीं आता।।
Comments
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Very good 💯💯
I like you your poem😀😀😀