तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं। - ZorbaBooks

तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।कभी खामोश है कभी प्यार का इजहार करने का मन पर क्या करे, कर नहीं पाते है हम तो सनम तेरे प्यार में दीवाने से हो गए हैं।

तुम हो ऊष्ण कटिबंध क्षेत्र कि हवा सनम तुम ठंडी धुप सनम तुम सुबह की चाय की पियाली हो तुम मेरे ख्वाब की रानी हो और तुम मेरे सांस की ऑक्सीजन हो सनम मेरे दिन का शाम जिंदगी का आराम हो तुम।तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

तेरा दीदार रोज करता हूॅं, तुमने अभी तक मुझे अपना नहीं माना, लेकिन मैं तुम्हें 7 जन्मों तक अपना मान बैठा हूॅं। तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

जिंदगी में तेरे जैसा हुर कभी न देखा तुम हूबहू परियो जैसी हो तेरे जुल्फो में सिमट सा गया हूॅं। ये दुनिया क्या है तेरे जुल्फों के जरिये बिसर सा गया हूॅं। तेरे आखों को देख कर उसमें डुब सा गया हूॅं, समुंद्र जैसा हैं बस उसमें गोते मार रहा हूॅं।तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

हुस्न के नूर में चूर और बेकसूर हैं हम। तुम्हारे प्यार से अंजान और बेबाक हैं हम। ख्वाब हैं बहुत सारी बस पूरा कर दो प्रिये सांसो को रोक लो अब बोल भी दो प्रिये। अब लग रहा है मेरे जान निकलने वाली हैं अब एक बार आके अपने दिल का हाल बताओ प्रिये।तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

प्रेम आस्था है प्रेम मर्यादा है प्रेम दिल की जरूरत है सांसो की कीमत है प्रेम जीवन है प्रेम सत्य है प्रेम सुंदर है प्रेम मनोरम है प्रेम शांति है प्रेम आस्था है प्रेम विश्वास है प्रेम जिंदगी का आदर है प्रेम खामोशियों की राज है और दिल की बारात है . तुम्हारे लिए यह सब कम है प्यार ही प्रेम है। तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

सांसो के हर एक ऑक्सीजन मोल मे तेरा नाम है सनम तुम कहों तो दिखा दु अब दिल भी तेरे नाम है। दिल की पंपिंग तेरे नाम से चलती है शरीर में ग्लूकोज भी तेरे नाम से बनती है कहों तो दिखा दु शरीर के हर एक ऑर्गेन में तेरा नाम है। यह शरीर मेरा हैं और ईसके कंण कंण मे बसा बसा तेरा नाम है। तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

कंबख्त यह जान का किमत कुछ नहीं है एक बार तुम ना बोल दो खत्म हो जाएगी इतना सपना जो सजाया सब टूट जाएगा मैं और मेरा ख्वाब चकनाचूर हो जाएगा। दिल की गहराइयों से एक आवाज आइ हैं अरे जाके बोल दो उसको और ढ़ेर सारी दुआ आई हैं। अब तो जाकर बोलना ही परेगा दिल उसका था ओ बोल दिया, शायद उसके दिल में भी मेरा प्यार मिठास घोल दिया। तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

आज जाऊंगा बोलूंगा अपने राज सारे खोल दूंगा तेरे लिए जीवन को सुधारा था अपना अब तुम्हारे लिए जीवन को सोप दूंगा तुम जो कहोगी वो मैं करूंगा तुम्हारे लिए मैं अपना जान भी दूंगा। बड़े़ वादे तो नहीं करूंगा पर तुम्हें जो कहूंगा उसे सच्ची ईमानदारी से निभाऊंगा। तेरी चाहत में अंधे थे अब पागल से हो गए हैं।

Comments

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  1. Dayanand kumar says:

    I like you your poem❤️❤️❤️

  2. Dayanand kumar says:

    I like your poem

  3. Dayanand kumar says:

    Nice

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Himanshu Kumar jha
Bihar