माँ का छिना आंचल - ZorbaBooks

माँ का छिना आंचल

काश तुम होते। हर सुबह खुबसूरत होती और उसमें तुम होते। जिंदगी से हसीन दुनिया में हम और तुम होते काश तुम होते। लड़ाईयां होते और प्यार होते काश उसमें तुम होते।

जिद्दी सी दुनिया में कमजोर सा हो गया, हमको संभालें काश तुम होते। आज कल हमसे पेड़- पौधे भी नाराज़ हैं उसे बतलाने की मैं सही हूँ काश तुम होते। हर कोई मुझे अपना न कहता मुझे अपना मानने वाले काश तुम होते। मुझे जिंदगी के रास्ते में बहुत सारे ठोकर लगते रहते हैं। मुझे ये बताएं यहां ठोकर हैं काश तुम होते।

रंग बदल रहे हैं लोग मुझे अलग होने के लिए उसके अलग होने से भी मुझे कुछ फर्क ना होते जब काश तुम होते। दुःख बहुत है माँ यहाँ दु:ख दुर करने माँ काश तुम होते। माँ माँ कब से कर रहा हूँ मुझे भी बेटा कहने काश तुम होते। माँ तुम होते। काश तुम होते।।

भोजन करते समय तेरी याद आती हैं। मुझे खिलाने काश तुम होते। मुझे चलना तुमने सिखाया लेकिन अब गिरता हूॅं मुझे संभालना काश तुम होते। मुझे हर दिन सोने से पहले रोली सुनाती थी अब नींद नहीं आती हैं रातों को काश रोली सुनाने काश तुम होते। संस्कार देने वाली अब किसी से बात करने में थोड़ा ऊपर नीचे हो जाता है उसे बताने कि तुम्हें ऐसा नहीं बोलना चाहिए काश तुम होते।।

कहानियाँ बहुत सारी सुनाइ थी तुमने मुझे । उस कहानी की तरह मैं अपनी जिंदगी फस सा गया हूँ, उस दलदल से निकालने काश तुम होते। रास्ते से भटक गया हूँ सही रास्ता नहीं मिल रहा है। सही रास्ते पर लेने के लिए काश तुम होते।।

माँ टुट सा गया हूँ मुझे संहालने काश माँ तुम होते। माँ कितनी दूर हो आप मुझे देखेंगे काश माँ तुम होते। रात भर रोता हूॅं तेरे याद में मेरे आंसुओं को पोछने काश मां काश तुम होते।।

माँ तुम्हारा मुझे डांट लगाना बहुत याद आता है मुझे अब भी डांटने काश तुम होते। प्यार से 3 रोटी खा लेता था तेरी हाथ से अब तो एक रोटी भी खत्म नही होती मुझे फिर से पंछी को दिखा दिखाकर खिलाने वाले माँ काश तुम होते।।

मेरे लिए माँ जन्नत है बरकत है ईश्वर है माँ ममता की मूरत है मेरे जिंदगी की दौलत है माँ मेरे दिन की धूप है शाम का चांद है मां मेरे लिए तो सबसे बड़ी भगवान हैं।

Comments

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  1. Dayanand kumar says:

    I like you your poem

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Himanshu Kumar jha
Bihar