चाय तो पीने का शौक नहीं मुझे - ZorbaBooks

चाय तो पीने का शौक नहीं मुझे

दो लफ़्ज़ों की शायरी:-

चाय तो पीने का शौक नहीं मुझे मैं तो तुम्हें देखने आता हूॅं चाय के चुस्की लेते लेते तुमको देखता जाता हूॅं कम्बख्त कब खत्म हो जाता है यह चाय पता नहीं पर क्या करूं तुम्हें देखते देखते मैं खाली कप का भी लुफ्त उठाता हूॅं

Leave a Reply

Himanshu Kumar jha
Bihar