दिल
वो हमसे मिलके रुख़सत हुये यूं,
जैसे बहारो मे पतझढ आई हो जैसे,
ऐ खुदा यूं ना बेबस करना हालातो से किसी को,
कि टूट कर जिसको चाहो उसी से बिछड़ना पड़े,
वक्त के और भी पेचीदा से किस्से है यारो
कि कभी फुरसत से बेठोगे तो बतायेंंगे यारो,
वो हालात से मजबूर थे और हम दिल के हाथो,
कि उनकी खातिर अपनी मोहब्बत को लूटा बैठे यारो
किस्सा ऐ मोहब्बत अपना भी कम नही यारो,
कि वो कब किनारा कर गये और हम इंतजार मे बैठे रह गये यारों