Sunsan gali - ZorbaBooks

Sunsan gali

सुनसान हर गली,हर रास्ते हो गये,

ये गांव ये शहर भी खामोश हो गये,

कुदरत का करिश्मा है जनाब, 

जो कैद थे वो बाहर आने लगे है

और जो बाहर घूमा करते थे ,

वो घर में नजर आने लगे हैं 

आसमान नीला और साफ हो गया,

अब इंसान भी घरो मे कैद हो गया,

उड़ने दो आकाश में इन आजाद परिंदो को,

जिन्हे कैद करके अपनी शान समझते थे,

चहचहाने लगे है डालियो पर अब ये,

अपनी मस्त धुन मे इन्हे जीने दो।

 

 

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