किरदार - ZorbaBooks

किरदार

अर्ज़ है.. गौर फरमाएं

'*मेरे किरदार मेरी उँगलियों में बसते हैं

मैं जैसे चाहूँ उन्हें वैसे नचा लेता हूँ '*
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**हम अपने साथ अपनों का नाम जोड़ जाते हैं

काम ऐसा करते हैं कि छाप छोड़ जाते हैं *

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*तेरे मेरे दरमियान की सब दूरियाँ मिटा दूँ

आजा तुझे हरी -हरी चूड़ियाँ पहना दूँ *

—-लोकेश कुमार ''रजनीश "

 

 

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लोकेश कुमार 'रजनीश '