बिखरना ही है अगर माली……..
बिखरना ही है अगर माली,
तो हम फूलों सा बिखर जाए,
सहन कर ले जख्मों को नजाकत से,
जीवन खुशबू से निखर जाए ।।
ना माने किसी की बंदिशें साथी,
जो दिल को ही चीर देती है,
लड़ ही लूं, पथ पर कयामत से,
मेरा नाम इतना संवर जाएं ।।
बिखरना ही है अगर माली,
तो हम फूलों सा बिखर जाए,
सहन कर ले जख्मों को नजाकत से,
जीवन खुशबू से निखर जाए ।।
ना माने किसी की बंदिशें साथी,
जो दिल को ही चीर देती है,
लड़ ही लूं, पथ पर कयामत से,
मेरा नाम इतना संवर जाएं ।।