Indira Ki Sitar Hindi Story - ZorbaBooks

Indira Ki Sitar Hindi Story

गाँव की राधा अपनी मधुर आवाज़ के लिए जानी जाती थी. खेतों में काम करते समय उसका सुर ताल से भरपूर गाना दूर-दूर तक गूंजता था. एक दिन उसी गाँव में एक युवा सितार वादक, विराज आया. राधा को गाते हुए सुनकर वह मंत्रमुग्ध रह गया. राधा को भी विराज का सितार का जादू सिर चढ़ गया. दोनों अक्सर शाम ढलते वक्त तालाब के किनारे मिलने लगे. राधा गाती और विराज सितार बजाता. उनके सुर मिलकर एक खूबसूरत संगीत रचते.

धीरे-धीरे दोनों को एक-दूसरे से प्यार हो गया. मगर विराज को संगीत की दुनिया में नाम कमाना था और राधा को अपने परिवार की ज़िम्मेदारियाँ निभानी थीं. एक दिन विराज ने कहा, “राधा, मुझे बड़े शहर जाना है. वहीं जाकर मैं अपनी कला को निखार सकता हूँ.” राधा उदास हो गई, पर उसने विराज के सपने को समझा. जाते समय विराज ने राधा को एक छोटा-सा सितार दिया और कहा, “जब कभी तुम्हें मेरी याद आए, इसे बजा लेना.”

विराज शहर चला गया. राधा अकेले गाती रही, पर अब उसके गीतों में मलाल की धुन थी. एक शाम, उसने विराज का दिया हुआ सितार उठाया. उसे बजाना नहीं आता था, पर उसने कोशिश की. सितार की धुन अटपटी निकली, पर राधा ने हार नहीं मानी. रोज़ाना वह सितार का अभ्यास करती. धीरे-धीरे उसके हाथों में सितार जान पड़ने लगा.

कुछ साल बाद, विराज एक सफल कलाकार बनकर गाँव लौटा. राधा को ढूंढते हुए वह तालाब के पास पहुँचा. वहाँ से उसे मधुर सितार की धुन सुनाई दी. करीब जाकर देखा तो राधा सितार बजा रही थी. इस बार उसके गीतों में खुशी की झंकार थी. विराज दंग रह गया. राधा ने उसे देखा तो सितार रखकर दौड़कर उसके गले लग गई.

उस दिन दोनों ने मिलकर एक ऐसी संगीत सभा रचाई, जिसे गाँव वाले कभी नहीं भूले. राधा और विराज ने सीखा कि प्यार का मतलब सिर्फ साथ रहना नहीं है, बल्कि एक-दूसरे के सपनों को पूरा करने में भी मदद करना है.

**सीख** : सच्चा प्यार साथ निभाता है और सपनों को उड़ने देता है.

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Mohit Vishwakarma