ख्याल 🥀 - ZorbaBooks

ख्याल 🥀

ख़वातीन –ओ–हज़रात, गौर फरमाए

ख़ूबसूरत ख्वाबों में खामोशी से एक ख्वाबीदा ख्याल ख़ोजती हूँ।

ख़्वाहिशों का खियांबा मिल जाता है,पर ऐ खुदा ! ख़ातिर में किसी खूब ख्याल की ख़बर तक नहीं मिलती।

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Muskan Dahiya
Haryana