सूरज - ZorbaBooks

सूरज

शाम होते ढल जाता हूं

सुबह फिर उग आता हूं

सूरज मुझे बुलाते लोग

गर्मियों में छिप जाते लोग

ऊर्जा का हूं स्रोत आपारा

भरहमांड का हूं सबसे बड़ा तरा।।

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Parisa Gupta