सूरज
शाम होते ढल जाता हूं
सुबह फिर उग आता हूं
सूरज मुझे बुलाते लोग
गर्मियों में छिप जाते लोग
ऊर्जा का हूं स्रोत आपारा
भरहमांड का हूं सबसे बड़ा तरा।।
शाम होते ढल जाता हूं
सुबह फिर उग आता हूं
सूरज मुझे बुलाते लोग
गर्मियों में छिप जाते लोग
ऊर्जा का हूं स्रोत आपारा
भरहमांड का हूं सबसे बड़ा तरा।।