बचपन का सपना - ZorbaBooks

बचपन का सपना

बड़ा सा आंगन, अब छोटा सा लगने लगा,
आंखों में एक नया सा सपना सजने लगा,
पहली से दसवीं तक का फासला,
अब धुंधला सा लगने लगा,
बचपन चला गया अब,
मौसम बदला सा लगने लगा।

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