राखी - ZorbaBooks

राखी

आओ भईया राखी  मनाये 
तुम अपने घर बैठो मै घर बैठू
कलयुग  का  नवाचार  निभाये 
आओ भईया राखी मनाये 
हाथों  पर  मेहंदी खूब  रचाई 
इस  बार  चलो  सेनीटाईजर लगाये 
क्या  लाये  लहँगा  साड़ी  
इस  बार  नया  मास्क  मंगाये 
आओ  भईया  राखी मनाये 
खूब  खा  लिए  घेवर  पूरी 
काढा  पी  पी  दिन  बिताये 
झूले  की  पीगे  सावन  के  गाने 
क्वारंटीनं  में दिन  बहलाये 
आओ  भईया  राखी  मनाये।।

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