मेरे दिल कि ज़ुबानी
तेरी रूह, तेरी सांस, तेरी धड़कन में मिला हूं,
कर गौर ज़रा मैं तेरी हर उल्फत कि वजह हूं..
जो देखेगी अपना अक्स तू आइने में कभी, तो उसमें भी मुझी को पाएगी,
यूं जुदा होकर भी मैं तुझसे, बस तुझी में पनाह लिए जी रहा हूं ।।
तेरी रूह, तेरी सांस, तेरी धड़कन में मिला हूं,
कर गौर ज़रा मैं तेरी हर उल्फत कि वजह हूं..
जो देखेगी अपना अक्स तू आइने में कभी, तो उसमें भी मुझी को पाएगी,
यूं जुदा होकर भी मैं तुझसे, बस तुझी में पनाह लिए जी रहा हूं ।।