बड़े-बड़े हादसे भी हमने हँस कर सहे ! - ZorbaBooks

बड़े-बड़े हादसे भी हमने हँस कर सहे !

बड़े – बड़े  हादसे भी हंस कर सहे ।
जब खुद़ा की  मर्जी यही है तो कोई क्या कहे ।।

तमाम उम्र लोग दीवाना कह कर हंसे ।
मैं हूँ ही लाजवाब तो कोई फिर कोई क्या कहे   ।।

मुबारक हो तुम्हें जिंदगी के फ़लसफ़े ।
हौसला है हमें लड़ने का कोई मौत से कहें ।।

मुहब्बत कर के भी बेदाग हम रहे ।
यूं कहों मरते – मरते सौ बार हम मरे ।।

खुशियाँ भी सारी उम्र हम से छिपते रहे ।
जब वो मांगने आये तो थे  सामने  खड़े ।।

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Rahul kiran
Bihar