नया साल पुराने अल्फ़ाज़ - ZorbaBooks

नया साल पुराने अल्फ़ाज़

एक नया साल एक नई कहानी एक नई शुरुआत या फिर ऐसा कहूं कि एक और साल जहां हम आतिश में तपेंगे सोने जैसा चमकेंगे एक साल जो उजाला और उम्मीद की किरण लाएगा नए सपने और हमारी एक नई दुनिया सजाएगा

पुराने दुश्मनों को भले ही मतलब के लिए पर हमपर ऐतबार आएगा और हम इस दस्तूर-ए-क़ायनात से एक बार फिर अलग हो जाएंगेलोग कहेंगे कि हम फरिश्ते हो जाएंगे और हम कहेंगे कि हम फरिश्ते के दिल वाले इकलौतेरह गए हैं इस दिल की किस्मत तो अब वो खुदा बतलाएगा

इश्क से रश्क हो जाएगा कुदरत से मोहब्बत और इस दुनिया से फिर से नफरत हो जाएगी पर हम भी क्या करें कुदरत ने हमें एक साफ फरिश्ते के दिल से नवाजा है और इसे बचाने की तालीम हमें बखूबी हैI इस फरिश्ते के दिल की सिर्फ एक ही कहानी है ऐतबार, प्यार और कुदरत ने आपको सुनानी है दिल-ए-फरिश्ते की एक ही खामी है टूटना उसे बेज़ुबानी है हजार दफा टूटेंगे लाख दफा जुड़ेंगे पर इस दुनिया के लिए फरिश्ता ही रहेंगे क्योंकिहम बंदों का दिल ही तो फ़ितरत होती है और फ़िदरत हमारा पानी हैI

अब तो बस हम हैं और हमारी पुरानी पर नई कहानी हैI

                  

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