ढलता सूरज।
ढलते सूरज को देख आज फिरसे
हर ज़ख्म की याद आयी…
जो काश ढल जाती उसिकी तरह, उसिके साथ।
पर शायद भूल गई थी मैं…..
कि दूसरे दिन ,वहीं सूरज.. फिर दोहराएगा
उन्हीं जख्मोंकी तरह..
कुछ और गहराईयाेंके साथ ।
🖤 Shravani.L
ढलते सूरज को देख आज फिरसे
हर ज़ख्म की याद आयी…
जो काश ढल जाती उसिकी तरह, उसिके साथ।
पर शायद भूल गई थी मैं…..
कि दूसरे दिन ,वहीं सूरज.. फिर दोहराएगा
उन्हीं जख्मोंकी तरह..
कुछ और गहराईयाेंके साथ ।
🖤 Shravani.L