भाई का दर्द - ZorbaBooks

भाई का दर्द

बहना, न आ पाऊंगा मैं इस बार,

अधूरा रह जायेगा राखी का त्योहार।

बहुत याद आता है तेरा मुस्कुराता चेहरा,

नम हो जाता आंख देख अपनी सुनी कलाई।

बंध गया हूं मैं अपने कर्तव्यों से,

देश को दिए कुछ वचनों से,

बहना, अब उन्मुक्त नहीं मैं,

कर दिया ये जीवन देश को समर्पित मैं।

मत होना दुखी तू, तेरा भाई तेरे साथ है,

जब तक सांस है, तेरा दुःख मेरे नाम है।

तेरी दुआओं से मिलती है ताकत,

अब ईश्वर से यही है मेरी मन्नत,

हर जनम में तू ही रहे मेरी बहना,

बहना, इस राखी तू मेरा इंतजार न करना।

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Sristi Mishra
Bihar