आदत - ZorbaBooks

आदत

खता करना तो आदत सी हो गई है,,

क्योंकि वफ़ा तो हमसे होती नहीं,,

क्या करें कमबख्त नसीब ही ऐसा है,,

कभी भी वक्त पे साथ होती ही नहीं,,

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Sudhanshu Pratap