इंसान को इंसान से जब नफरत नहीं होगी | - ZorbaBooks

इंसान को इंसान से जब नफरत नहीं होगी |

इंसान को इंसान से जब नफरत नहीं होगी |

सच मैं वो दुनिया तेरी खुशियों भरी होगी |

जाति मजहब की दीवारें जिस टूटेंगी |

आंगन आंगन में उस दिन खुशियाँ लौटेंगी |

जिस दिन हर इंसान की निअत खरी होगी |

सच मैं वो……..

प्यार मुहब्बत की भाषा बंदा सीखेगा कब |

परिवार के जैसे रहना जाने सीखेगा कब |

जिस दिन दिल में फसल प्यार की हरी भरी होगी

सच वो…………..

जिस दिन हर बंदा गुरमत सांचे ढल जायेगा |

जिस दिन वे रंगे का रंग सब पर चढ़ जायेगा |उस दिन “सागर “किसी को कोई कमी नहीं होगी

सच में वो दुनिया तेरी………………

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Supriya Jain
Delhi