इंसान को इंसान से जब नफरत नहीं होगी |
इंसान को इंसान से जब नफरत नहीं होगी |
सच मैं वो दुनिया तेरी खुशियों भरी होगी |
जाति मजहब की दीवारें जिस टूटेंगी |
आंगन आंगन में उस दिन खुशियाँ लौटेंगी |
जिस दिन हर इंसान की निअत खरी होगी |
सच मैं वो……..
प्यार मुहब्बत की भाषा बंदा सीखेगा कब |
परिवार के जैसे रहना जाने सीखेगा कब |
जिस दिन दिल में फसल प्यार की हरी भरी होगी
सच वो…………..
जिस दिन हर बंदा गुरमत सांचे ढल जायेगा |
जिस दिन वे रंगे का रंग सब पर चढ़ जायेगा |उस दिन “सागर “किसी को कोई कमी नहीं होगी
सच में वो दुनिया तेरी………………