Description
Hindi Novel
स्कूल के पांच दोस्तों में से विकास कुछ अलग ही था | पढ़ाई में कमजोर था लेकिन अमीर खानदान से था | मनमानी करना तो उसकी नस-नस में बसा हुआ था | किशोरावस्था में शहर की सबसे सुन्दर और होनहार लड़की अन्तरा को मन ही मन एक तरफ़ा प्रेम कर बैठता है | उस समय के रीती रिवाज अनुसार कम उम्र में ही दिल में अन्तरा की तस्वीर लिए विकास की शादी अंशुला से हो जाती है | लेकिन नियति जब अर्सो बाद जीवन के मध्यकाल में दोनों को आमने सामने खड़ा कर देती है तब कहानी कुछ और ही हो जाती है | यहीं पे आकर विकास की स्वरूपता दिखाई देती है, पता चलताहै वो हम सबसे अलग है | |समय की गति को लेखक ने पूरे वर्णन के साथ दर्शाया है | पहले किशोरावस्था और फिर परवर्ती समय को| चलिए चलते हैं , जैनपुर |
लेखक के बारे में
चंचल दास, जन्म १९६२, बिहार के एक इंडस्ट्रियल कॉलोनी डालमियानगर में जन्मे | स्कूल की पढ़ाई वहीं से शुरू की | १९८० में दिल्ली आ गए थे और नौकरी शुरू की थी | विविध संश्थानो में कार्य के उपरांत, पिछले ११ साल से पत्नी के साथ मिलकर एक मार्किट रिसर्च संस्था में बतौर फाउंडर डायरेक्टर काम कर रहें है | बंगाली और बिहारी खाना बनाने और खाने की शौक रखते है | कुछ तमन्ना या शौक था दिल में, जिसे वो अपने कार्य से निवृत्त हो कर पूरा करना चाहते हैं | बांग्ला में लिखने का शौक तो काफी सालो से शुरू कर दिए थे | बांग्ला में तक़रीबन ६-७ कहानियां लिख चुके है | यह सारी कहानियां एक बंगाली कम्युनिटी साइट में पब्लिश की गई थी और काफी सराही गई थी | चंचल ने अपने इस अनुभव से हिम्मत जुटा कर आगे बढ़ना सीखा और शुरू हो गए हिंदी में लिखने | इनकी कहानियों में ज्यादातर नारी चरित्र को अहम् स्थान दिया गया है | एक और शौक है सैक्सोफोन बजाना | परिवार और करीबी दोस्तों की महफ़िल में बजा लेते है | लेकिन पब्लिक परफॉरमेंस से उन्हें सख्त परहेज है | उनका कहना है की मैं अपनी खुशिओ के लिए सैक्सोफोन बजाता हूँ | राहुल देव बर्मन को अपना गुरु मानते है | फुर्सत में हिंदी में किशोर कुमार, पाश्चात्य संगीत में डेमिस रोस्सो का गाना और यानी का ऑर्केस्ट्रा सुनना पसंद करते है |
Reviews
There are no reviews yet.