Description
देवव्रत
बरसात में भीगती एक अधूरी प्रेम कहानी
दुनिया में मोहब्बत की न जाने कितनी कहानियां हैं, जो कभी अपनी मंजिल पर नहीं पहुंचती और प्यार की अधूरी दास्तान बनकर कभी मुहब्बत करने वालों के दिलों में तो कभी आँसुओं की स्याही बनकर उनके अक्षरों में सुलगती रहती हैं।
देवव्रत और मेघा बचपन की गहरी दोस्ती के बीच एक दूसरे से दूर हो जाते हैं। मेघा से बिछुड़ जाने से देव टूट जाता है, पर वो इस उम्मीद में जिन्दगी जीता है कि एक न एक दिन उसकी मुहब्बत मेघा उसे मिलेगी और वो फिर कभी मेघा को अपने से दूर नहीं जाने देगा।
लेखक के बारे में
Dr. Dharmendra Kumar has done his higher studies from Banaras Hindu University and Lund University Sweden. The author is currently working as Associate Professor of Plant Pathology and Banda University of Agriculture and Technology, Banda. The nature of job of the author is teaching and Research in Plant Pathology. Dr. Kumar has published many research papers in reputed national and International journals. The inner force has turned him into an author too. This is his second after the publication of his first novel EK Lamhe Ka Khwab by Zorba Books. The hobby apart from writing included study of history of the world, study of comparative religion and photography.
एक पादप रोग वैज्ञानिक के रूप में डा0 धर्मेन्द्र कुमार ने राष्ट्रीय और अन्र्तराष्ट्रीय विज्ञान पत्रिकाओं में कई शोध पत्र प्रकाशित किये है। डा0 कुमार को डी0एस0टी0 बायसकास्ट फेलो एवार्ड, एम0के0पटेल मेमोरियल यंग साईन्टिस्ट एवार्ड, डिस्टयूगिस्ट साइंटिफिक एवार्ड तथा एक्सीलेंस इन टीचिंग एवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है। डा0 कुमार को विभिन्न सेमिनार एवं सिम्पोजियम में कई बार उनके शोध व्याख्यानों के लिये भी कई बार पुरस्कृत किया जा चुका है।
Sushma Gautam –
“Devvrat” is a very beautiful, romantic and emotional creation of the author. It really touches the heart. it shows true love which is beyond this world..