Description
“एक शहर बुज़ुर्गों का” किताब पंजाब के उन शहरों से निकले नौजवानो पीढ़ी की ओर संकेत करती है , जो खुद को आराम और सुकून की जिंदगी के साथ जोड़ते हुए आगे ही आगे बढ़ती जा रही है | आज की पीड़ी विदेशों में जाकर अपना रेन बसेरा बना रही है| यह कहानी तीन दोस्तों के जीवन का परिचय देती है जो विदेश जाने के सपने लेते थे| क्या वो विदेश गए? वहां जाकर उन्हें कैसे लगा उनके पीछे उनके माता-पिता को कैसा लगा|
एक वतन से दूसरे वतन की चाहत ने क्या क्या बदलाव लाए तथा इस नई सोच का सब पर क्या असर होगा, आइए मिलकर उसे जानने की कोशिश करें| इस नई सोच तथा पीछे इंतजार करते बुजुर्गों का एहसास इस पीढ़ी में कितना है? या यूं कह सकते हैं कि क्या हमारे संस्कार और परवरिश इतनी ताकतवर है की वह अपने बुज़ुर्गों को संभालने में बिल्कुल पीछे नहीं हटेगी ?
क्या सरकार भी अपने किसान वर्ग की संभाल करने में पूरा-पूरा योगदान देगी जिससे भविष्य में खेतों की हरियाली को सुरक्षित रखा जा सके? आशा करती हूं कि किसी के एहसास और भावनाओं को मेरी लिखी यह किताब कोई ठेस नहीं पहुंचायेगी |
About the Author
लवीना धमीजा , एक ऐसी लेखिका हैं जिनकी कलम से निकलने वाले शब्द सीधे दिल को छु जाते हैं । उनकी कहानियाँ और कविताएं हमें वह दुनिया दिखाती हैं जो जीवन को सकारात्मक तरीके से जीने की और प्रेरित करती हैं|
किताब एक शहर बुज़ुर्गों का, लवीना की नई किताब “एक शहर बुजुर्गों का” हमें पंजाब के उन शहरों से अवगत कराती है, जहां की नौजवान पीढ़ी देश की प्रगति में अपना साथ देते हुए अपने मां-बाप की भावनाओं को भी ध्यान में रखती है | लेखन और प्रकाशन लवीना का योगदान लेखन और कविता में न केवल शिक्षा के क्षेत्र में है, बल्कि वे अपनी कविताओं को यूट्यूब चैनल; The
Classical Hindi Poetry के माध्यम से भी सभी के सामने प्रस्तुत करती हैं। उनके यूट्यूब चैनल पर 3900+ सब्सक्राइबर्स, 13 लाख+ व्यूज, और 70+ वीडियो हैं, जो हिंदी कविता के प्रेमी लोगों के बीच में बहुत प्रसिद्ध हैं।
उन्होंने अपनी किताब;मेड इन इंडिया!; को भी अमेज़न पर प्रकाशित किया है, जो हिंदी और अंग्रेजी दोनों में उपलब्ध है। शिक्षा लवीना का शिक्षा क्षेत्र में 15 साल का अनुभव है| उन्होंने जम्मू विश्वविद्यालय से B.Ed की डिग्री प्राप्त की है और पंजाब विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ़ आर्ट्स की डिग्री भी हासिल की है। संपर्क:
Email: contactlaveena@gmail.com
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