Description
आंसूओं के सैलाब में एक उम्मीद के तिनके के सहारे
तैरता हुआ मैं एक ऐसे किनारे पर आ लगा हूँ
जहाॅ न तो खुशियों से भरी जिन्दगी है,
ना झंझटों से मुक्त करने वाली–‘मौत’ ।
About the Author
बक्सर जिला के धनसोंई थानान्तर्गत ‘मनिया’ नामक एक छोटा-सा गांव है जहां रचनाकार देवेन्द्र प्रसाद ‘देवा’ का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ है ।पारिवारिक दुर्गम परिस्थितियों ने कवि को इस कदर झकझोरा कि अन्ततः उनके आंसू कविता के रूप में प्रस्फुटित होकर जन-चेतना के प्रेरणार्थ उत्प्रवाहित होने लगे हैं ।
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DEVENDRA PRASAD DEVA –
सीता-स्वयंवर वाकई में एक उत्तम साहित्यिक रचना है जिसमें कवि ‘देवेन्द्र प्रसाद ‘देवा’ ने पुरुषोत्तम श्री रामचन्द्र जी को युग नायक के रुप में प्रतिष्ठित करते हुए शक्ति स्वरुपा सीता मैया के प्रादुर्भाव के कारण को स्पष्ट किया है ।